Rooftop Solar Yojana: भारत सरकार ने देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक नई क्रांतिकारी योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के नाम से शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य आम लोगों के घरों पर बिना किसी लागत के सोलर पैनल लगवाना है। इस योजना के माध्यम से लोग न केवल पर्यावरण की रक्षा में योगदान देंगे बल्कि सस्ती और स्वच्छ बिजली का भी लाभ उठा सकेंगे।
केंद्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इन गाइडलाइन्स में छत पर सोलर सिस्टम लगाने के लिए दो नए मॉडल प्रस्तुत किए गए हैं जो पूरी तरह से मुफ्त हैं। यह पहल भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आने वाले समय में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगी।
RESCO मॉडल
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत पहला मॉडल RESCO यानी रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी मॉडल है। इस मॉडल में कोई तीसरी पार्टी संगठन आपके घर की छत पर सोलर पैनल लगाने की पूरी जिम्मेदारी लेती है। इसके लिए घर के मालिक को एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ता। कंपनी अपने खर्च पर सोलर पैनल खरीदती है, लगाती है और उसकी देखभाल भी करती है।
इस व्यवस्था में आपको केवल उतनी बिजली के लिए भुगतान करना होता है जितनी आप सोलर पैनल से इस्तेमाल करते हैं। यह दर आमतौर पर सामान्य बिजली की दर से काफी कम होती है। RESCO मॉडल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको शुरुआत में कोई निवेश नहीं करना पड़ता और तुरंत से सस्ती बिजली का लाभ उठाना शुरू कर सकते हैं। कंपनी सोलर पैनल की मरम्मत और रखरखाव की भी पूरी जिम्मेदारी लेती है।
ULA मॉडल
दूसरा मॉडल ULA यानी यूटिलिटी लेड एप्रोच मॉडल है। इस मॉडल में राज्य की बिजली कंपनियां और सरकारी संगठन मिलकर आपके घर पर सोलर पैनल लगाते हैं। यह मॉडल भी पूरी तरह से निःशुल्क है और इसमें घर के मालिक को कोई खर्च नहीं उठाना पड़ता। राज्य सरकार और बिजली बोर्ड की प्रत्यक्ष भागीदारी के कारण यह मॉडल अधिक भरोसेमंद माना जा रहा है।
ULA मॉडल में भी आपको केवल इस्तेमाल की गई बिजली का ही भुगतान करना होता है। इसके अलावा अगर आपका सोलर पैनल ज्यादा बिजली बनाता है तो अतिरिक्त बिजली को आप ग्रिड में बेच भी सकते हैं। इससे आपकी आय भी हो सकती है। यह मॉडल विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहां राज्य सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चला रही है।
सब्सिडी और वित्तीय सहायता की व्यवस्था
सरकार ने इन दोनों मॉडलों को सफल बनाने के लिए मजबूत वित्तीय व्यवस्था की है। पेमेंट सिक्योरिटी मेकैनिज्म और केंद्रीय वित्तीय सहायता की व्यवस्था के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि हर स्थिति में लाभार्थियों को सब्सिडी का पूरा लाभ मिले। इससे कंपनियों को भी भरोसा मिलता है कि उनका निवेश सुरक्षित है और वे बिना किसी झिझक के इस योजना में भागीदारी कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सोलर पैनल लगाने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित हो। इसके लिए तकनीकी मानदंड तय किए गए हैं और गुणवत्ता की जांच के लिए नियमित निरीक्षण की व्यवस्था की गई है। सरकारी गारंटी के कारण लोगों का भरोसा बढ़ा है और वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आ रहे हैं।
100 करोड़ रुपए का बजट आवंटन
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। यह राशि RESCO और ULA दोनों मॉडलों के सफल क्रियान्वयन के लिए आवंटित की गई है। इस बजट से न केवल सोलर पैनल की लागत को कवर किया जाएगा बल्कि इसकी स्थापना, रखरखाव और तकनीकी सहायता के लिए भी पर्याप्त राशि आवंटित की गई है।
बजट के उचित वितरण के लिए राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी। आवेदन से लेकर स्थापना तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से समय की भी बचत होगी और लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सुव्यवस्थित प्रक्रिया
सरकार ने इस योजना को सफल बनाने के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया गया है। लोग अपने घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं। पोर्टल पर सभी जरूरी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।
राष्ट्रीय पोर्टल पर विभिन्न कंपनियों की सूची भी उपलब्ध है जो इस योजना के तहत सेवा प्रदान कर रही हैं। लोग अपनी पसंद के अनुसार कंपनी का चुनाव कर सकते हैं और उनके साथ सीधे संपर्क कर सकते हैं। पोर्टल पर सोलर पैनल की तकनीकी जानकारी, लाभ और आवेदन की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई है।
पर्यावरण और आर्थिक लाभ
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के दोहरे लाभ हैं। पहला, यह पर्यावरण की रक्षा में योगदान देती है क्योंकि सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। दूसरा, यह लोगों को आर्थिक लाभ प्रदान करती है क्योंकि सोलर बिजली की दर पारंपरिक बिजली से काफी कम होती है। इससे परिवारों के मासिक बिजली बिल में काफी कमी आएगी।
इस योजना से देश की ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी। जैसे-जैसे अधिक लोग सौर ऊर्जा का उपयोग करेंगे, कोयले पर निर्भरता कम होगी और आयातित ईंधन की जरूरत भी घटेगी। यह भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
यह योजना भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। घर-घर सौर ऊर्जा पहुंचाने का यह अभियान न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि लाखों परिवारों को आर्थिक राहत भी प्रदान करेगा।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। योजना की नवीनतम जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए आधिकारिक वेबसाइट या राष्ट्रीय पोर्टल देखें। योजना की शर्तें और नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित अधिकारियों से पुष्टि करना आवश्यक है।