Home Loan SIP: आज के महंगाई के दौर में अपना घर खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। देश के प्रमुख शहरों में प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी के लिए घर खरीदना एक सपने जैसा हो गया है। ऐसी परिस्थिति में अधिकतर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन होम लोन लेना आसान है, उसे चुकाना बहुत मुश्किल काम है।
होम लोन की EMI इतनी अधिक होती है कि व्यक्ति की पूरी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा इसमें चला जाता है। इससे व्यक्ति की जीवनशैली पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वह अन्य जरूरी खर्चों के लिए परेशान रहता है। कई बार तो लगता है कि घर के चक्कर में पूरी जिंदगी बैंक के लिए काम करना पड़ेगा।
होम लोन के ब्याज का भयानक सच
होम लोन लेते समय लोग केवल मूल राशि पर ध्यान देते हैं लेकिन ब्याज की गणना नहीं करते। यही सबसे बड़ी भूल होती है क्योंकि होम लोन में ब्याज का बोझ इतना अधिक होता है कि यह मूल राशि से भी ज्यादा हो जाता है। उदाहरण के लिए यदि आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है तो 20 साल की अवधि में आपको लगभग 61 लाख रुपये से अधिक केवल ब्याज के रूप में देना होगा।
वर्तमान में बैंकों की ब्याज दर लगभग 9.50 प्रतिशत सालाना है। इस हिसाब से 50 लाख रुपये के लोन पर मासिक EMI लगभग 46,607 रुपये बनती है। 20 साल में आपको बैंक को कुल 1 करोड़ 11 लाख रुपये से अधिक राशि वापस करनी होगी। यह राशि मूल लोन से दोगुनी से भी अधिक है।
SIP निवेश की शक्ति को समझें
होम लोन के ब्याज के बोझ से बचने का एक बेहतरीन तरीका है SIP में निवेश करना। SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक ऐसी योजना है जहाँ आप हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इस निवेश से मिलने वाला रिटर्न आमतौर पर होम लोन की ब्याज दर से अधिक होता है।
यदि आप अपनी मासिक EMI का केवल 20 प्रतिशत हिस्सा SIP में निवेश करें तो आप होम लोन के पूरे ब्याज को आसानी से कवर कर सकते हैं। जैसे यदि आपकी EMI 46,607 रुपये है तो इसका 20 प्रतिशत यानी लगभग 9,320 रुपये मासिक SIP में निवेश करना होगा। यह राशि आपकी कुल EMI का बहुत छोटा हिस्सा है लेकिन इसका फायदा बहुत बड़ा है।
SIP निवेश की गणना और लाभ
अगर आप 20 साल तक हर महीने 9,320 रुपये SIP में निवेश करते हैं तो आपका कुल निवेश 22 लाख 32 हजार रुपये होगा। म्यूचुअल फंड में औसतन 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिलने की उम्मीद की जा सकती है। इस हिसाब से 20 साल बाद आपको लगभग 85 लाख 55 हजार रुपये का फंड मिलेगा।
इस निवेश से आपको शुद्ध लाभ 63 लाख 22 हजार रुपये होगा। यह राशि आपके होम लोन के कुल ब्याज 61 लाख 85 हजार रुपये से भी अधिक है। इस तरह से SIP के द्वारा कमाए गए पैसे से आप अपने होम लोन का पूरा ब्याज चुका सकते हैं और फिर भी आपके पास कुछ पैसा बच जाएगा।
समझदारी भरी रणनीति अपनाएं
यह रणनीति इसलिए काम करती है क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में होम लोन की ब्याज दर से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है। होम लोन पर आप 9.50 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं जबकि SIP से 12 प्रतिशत या इससे अधिक रिटर्न मिल सकता है। इस 2.50 प्रतिशत के अंतर से ही आपको फायदा होता है।
लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड में निवेश में जोखिम भी होता है। कुछ साल रिटर्न कम हो सकता है तो कुछ साल ज्यादा। लेकिन लंबी अवधि में देखा जाए तो अच्छे म्यूचुअल फंड 12 प्रतिशत या इससे अधिक रिटर्न देते हैं। इसलिए यह रणनीति केवल लंबी अवधि के लिए उपयुक्त है।
निवेश करते समय सावधानियां
SIP निवेश शुरू करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले तो यह समझ लें कि यह रणनीति तभी काम करेगी जब आप लगातार 20 साल तक बिना रुकावट के निवेश करते रहेंगे। बीच में पैसा निकालने से इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको सिर्फ अच्छे और प्रतिष्ठित म्यूचुअल फंड में ही निवेश करना चाहिए। किसी भी निवेश से पहले फंड हाउस की पिछली परफॉर्मेंस जरूर देख लें। वित्तीय सलाहकार की मदद लेना भी एक अच्छा विकल्प है। वे आपकी आर्थिक स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त फंड का चुनाव करने में मदद कर सकते हैं।
होम लोन एक जरूरत है लेकिन इसके ब्याज का बोझ कम करना भी जरूरी है। SIP निवेश के द्वारा आप न केवल अपने होम लोन के ब्याज को कवर कर सकते हैं बल्कि एक अच्छा फंड भी बना सकते हैं। यह रणनीति आपको आर्थिक स्वतंत्रता दिलाने में मदद कर सकती है।
लेकिन याद रखें कि निवेश में हमेशा जोखिम होता है। इसलिए किसी भी निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें और जरूरत हो तो विशेषज्ञ की सलाह लें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि धैर्य रखें और लंबी अवधि तक निवेश जारी रखें।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले सभी योजना संबंधी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं है। निवेश निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।