खराब सिबिल स्कोर वालों को डबल झटका, लोन के अलावा एक और मुश्किल का करना होगा सामना CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आज के डिजिटल युग में सिबिल स्कोर का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। पहले यह केवल लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए आवश्यक था, लेकिन अब इसकी उपयोगिता कई अन्य क्षेत्रों में भी देखी जा रही है। हाल ही में आई नई जानकारी के अनुसार, सिबिल स्कोर अब सरकारी बैंक में नौकरी पाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण मानदंड बन गया है। यह बदलाव उन लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है जिनका सिबिल स्कोर खराब है, क्योंकि अब उन्हें न केवल लोन लेने में बल्कि नौकरी पाने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति की वित्तीय विश्वसनीयता का एक महत्वपूर्ण सूचक है। यह 300 से 900 के बीच होता है और यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को कितनी गंभीरता से निभाता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर न केवल आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाता है बल्कि अब यह आपके करियर के अवसरों को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बनाना और उसे अच्छी स्थिति में बनाए रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

बैंकिंग सेक्टर में नई आवश्यकता

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इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन यानी IBPS ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार, अब सरकारी बैंक में नौकरी चाहने वाले उम्मीदवारों के लिए एक अच्छा सिबिल स्कोर होना आवश्यक है। IBPS एक प्रमुख बैंकिंग भर्ती एजेंसी है जो देश के विभिन्न सरकारी बैंकों के लिए कर्मचारियों की भर्ती करती है। इस नई नीति के तहत, बैंक जॉब के उम्मीदवारों की क्रेडिट हिस्ट्री और सिबिल स्कोर की जांच की जाएगी।

यह नई आवश्यकता इसलिए लगाई गई है क्योंकि बैंकिंग सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को पैसों और वित्तीय लेन-देन के साथ सीधा संपर्क होता है। इसलिए यह जरूरी है कि बैंक कर्मचारी की अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों के प्रति एक अच्छी सोच हो। जो व्यक्ति अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेता, उससे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह बैंक के पैसों के साथ जिम्मेदारी से पेश आएगा। इसलिए यह नई नीति बैंकिंग सेक्टर की सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक कदम है।

आवश्यक सिबिल स्कोर की सीमा

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नई नीति के अनुसार, सरकारी बैंक में नौकरी पाने के लिए कम से कम 650 का सिबिल स्कोर आवश्यक है। यह सीमा लोन लेने के लिए आवश्यक सिबिल स्कोर से थोड़ी कम है, जो आमतौर पर 750 या उससे अधिक होनी चाहिए। हालांकि 650 का स्कोर लोन के लिए आदर्श नहीं माना जाता, लेकिन नौकरी के लिए यह एक न्यूनतम स्वीकार्य स्तर है। इससे पता चलता है कि उम्मीदवार की वित्तीय आदतें बुनियादी तौर पर सही दिशा में हैं और वह अपनी जिम्मेदारियों को समझता है।

जिन उम्मीदवारों का सिबिल स्कोर 650 से कम है, उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज प्रदान करने होंगे। इनमें मुख्य रूप से बैंक से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट शामिल है। यह सर्टिफिकेट इस बात की पुष्टि करता है कि उम्मीदवार के खिलाफ कोई गंभीर वित्तीय शिकायत नहीं है। अगर यह सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराया जा सकता, तो ऑफर लेटर रद्द कर दिया जा सकता है। इस नई व्यवस्था से स्पष्ट है कि बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय अनुशासन को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है।

सिबिल स्कोर खराब होने के मुख्य कारण

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सिबिल स्कोर खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है लोन की किश्तों का समय पर भुगतान न करना। जब कोई व्यक्ति अपनी EMI या लोन की किश्त समय पर नहीं चुकाता, तो इसका नकारात्मक प्रभाव उसके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। क्रेडिट कार्ड के बिल का समय पर भुगतान न करना भी सिबिल स्कोर को खराब करने का एक बड़ा कारण है। कई लोग क्रेडिट कार्ड के न्यूनतम भुगतान की सुविधा का गलत उपयोग करते हैं और पूरा बिल समय पर नहीं चुकाते, जिससे उनका स्कोर प्रभावित होता है।

लोन डिफॉल्ट करना सिबिल स्कोर के लिए सबसे हानिकारक है। अगर कोई व्यक्ति अपना लोन पूरी तरह से छोड़ देता है और भुगतान बंद कर देता है, तो इसका बहुत गंभीर नकारात्मक प्रभाव होता है। इसके अलावा, बहुत सारे क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए एक साथ आवेदन करना भी स्कोर को प्रभावित कर सकता है। गारंटर बनना और यदि मुख्य लोन लेने वाला डिफॉल्ट कर दे, तो इसका प्रभाव गारंटर के स्कोर पर भी पड़ता है।

सिबिल स्कोर सुधारने के प्रभावी तरीके

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सिबिल स्कोर सुधारने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है समय पर सभी बिलों का भुगतान करना। इसमें न केवल लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल शामिल हैं, बल्कि बिजली, पानी, गैस और अन्य उपयोगिता बिल भी शामिल हैं। हालांकि उपयोगिता बिल सीधे तौर पर सिबिल स्कोर को प्रभावित नहीं करते, लेकिन यदि वे बहुत देर से भुगतान किए जाते हैं और कलेक्शन एजेंसी के पास भेजे जाते हैं, तो इनका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। इसलिए सभी बिलों का समय पर भुगतान करना एक अच्छी आदत है।

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड लेना भी सिबिल स्कोर सुधारने का एक प्रभावी तरीका है। यह कार्ड फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले मिलता है और इसमें डिफॉल्ट का जोखिम कम होता है। इस कार्ड का नियमित और सही उपयोग करके आप अपना क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर बना सकते हैं। क्रेडिट कार्ड की सीमा का 30 प्रतिशत से कम उपयोग करना भी फायदेमंद होता है। यदि आपकी क्रेडिट सीमा 1 लाख रुपये है, तो 30,000 रुपये से कम खर्च करना बेहतर माना जाता है।

वित्तीय अनुशासन की बढ़ती महत्ता

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सरकारी बैंक में नौकरी के लिए सिबिल स्कोर की आवश्यकता एक बड़े बदलाव का संकेत है। यह दिखाता है कि अब वित्तीय अनुशासन को न केवल व्यक्तिगत वित्तीय लेन-देन में बल्कि व्यावसायिक अवसरों में भी महत्व दिया जा रहा है। यह नीति भविष्य में अन्य सेक्टरों में भी लागू हो सकती है। पहले से ही कुछ प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों की बैकग्राउंड चेक के दौरान क्रेडिट हिस्ट्री देखती हैं, खासकर उन पदों के लिए जहां वित्तीय जिम्मेदारी होती है।

यह बदलाव युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि वे अपनी वित्तीय आदतों को शुरू से ही बेहतर बनाएं। कॉलेज के समय से ही क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करना और समय पर बिलों का भुगतान करना एक अच्छी आदत है। यह न केवल भविष्य में लोन लेने में मदद करेगा बल्कि करियर के अवसरों को भी बेहतर बनाएगा। वित्तीय साक्षरता अब केवल निवेश और बचत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह करियर की सफलता के लिए भी आवश्यक हो गई है।

भविष्य की संभावनाएं और तैयारी

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इस नई नीति के लागू होने के बाद, संभावना है कि अन्य सरकारी विभाग और प्राइवेट कंपनियां भी इसी तरह की आवश्यकताएं लगाएं। वित्तीय सेवा क्षेत्र में तो यह पहले से ही होता आ रहा है, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हर व्यक्ति अपने सिबिल स्कोर की नियमित जांच करे और उसे बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। सिबिल स्कोर की मुफ्त जांच साल में एक बार की जा सकती है, और नियमित मॉनिटरिंग से किसी भी समस्या का जल्दी पता लग सकता है।

युवाओं को सलाह दी जाती है कि वे अपनी वित्तीय यात्रा की शुरुआत से ही सिबिल स्कोर के महत्व को समझें। छोटी गलतियां भी लंबे समय तक प्रभाव डाल सकती हैं, इसलिए शुरू से ही सही आदतें बनाना महत्वपूर्ण है। वित्तीय अनुशासन अब केवल पैसे की बचत या निवेश का मामला नहीं है, बल्कि यह आपके करियर और जीवन के अवसरों को भी प्रभावित करता है।

सिबिल स्कोर का बैंक जॉब के लिए आवश्यक होना एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो वित्तीय अनुशासन के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। यह नई नीति उन लोगों के लिए चुनौती है जिनका सिबिल स्कोर खराब है, लेकिन साथ ही यह एक अवसर भी है अपनी वित्तीय आदतों को सुधारने का। 650 या उससे अधिक सिबिल स्कोर बनाए रखना अब केवल लोन के लिए नहीं बल्कि करियर के लिए भी आवश्यक हो गया है। समय पर बिलों का भुगतान, वित्तीय अनुशासन और सही क्रेडिट व्यवहार अपनाकर हर व्यक्ति अपना सिबिल स्कोर बेहतर बना सकता है और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकता है।

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Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। सिबिल स्कोर और बैंक भर्ती की नीतियां समय-समय पर बदलती रहती हैं। नवीनतम जानकारी के लिए IBPS की आधिकारिक वेबसाइट और संबंधित बैंकों से संपर्क करें। सिबिल स्कोर सुधारने के लिए वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना उचित रहेगा। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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