बैंक सबसे पहले चेक करता है सिबिल स्कोर, जानिए लोन लेने के लिए कितना सिबिल स्कोर जरूरी CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आज के डिजिटल युग में सिबिल स्कोर हमारी वित्तीय पहचान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। घर खरीदने से लेकर बच्चों की उच्च शिक्षा तक, हर बड़े खर्च के लिए लोन की आवश्यकता होती है। बैंक और वित्तीय संस्थाएं आपकी साख का मूल्यांकन करने के लिए सिबिल स्कोर को सबसे विश्वसनीय पैमाना मानती हैं। यह तीन अंकों का नंबर आपकी पूरी वित्तीय जिंदगी को प्रभावित कर सकता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर न केवल लोन दिलाने में मदद करता है बल्कि बेहतर ब्याज दरों की सुविधा भी प्रदान करता है।

सिबिल स्कोर का वैज्ञानिक आधार और कार्यप्रणाली

सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच एक संख्या होती है जो आपके क्रेडिट इतिहास का गणितीय प्रतिनिधित्व करती है। यह स्कोर आपके पिछले वित्तीय व्यवहार, कर्ज चुकाने की आदतों, और क्रेडिट उपयोग के पैटर्न पर आधारित होता है। 700 से ऊपर का स्कोर उत्कृष्ट माना जाता है और इस श्रेणी में आने वाले व्यक्ति को आसानी से लोन मिल जाता है। 650 से 700 के बीच का स्कोर अच्छा माना जाता है, जबकि 600 से नीचे का स्कोर चिंता का विषय होता है। बैंक इस स्कोर के आधार पर आपकी जोखिम क्षमता का आकलन करते हैं।

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खराब सिबिल स्कोर के गंभीर परिणाम

यदि आपका सिबिल स्कोर 600 से कम है तो आपको गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बैंक आपके लोन आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या फिर बहुत ऊंची ब्याज दरों पर लोन देने की शर्त रख सकते हैं। कभी-कभी तो गारंटर की मांग भी की जा सकती है। खराब सिबिल स्कोर का मतलब है कि आप अतीत में कर्ज चुकाने में असफल रहे हैं या देर से भुगतान करते रहे हैं। इससे आपकी वित्तीय विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो जाते हैं। यहां तक कि क्रेडिट कार्ड लेने में भी कठिनाई आ सकती है।

समय पर भुगतान – सिबिल सुधार की पहली शर्त

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सिबिल स्कोर सुधारने का सबसे प्रभावी तरीका है समय पर सभी प्रकार के कर्ज का भुगतान करना। चाहे वह होम लोन की ईएमआई हो, पर्सनल लोन की किस्त हो, या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल – सभी का भुगतान निर्धारित तिथि से पहले करना चाहिए। एक भी भुगतान में देरी आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकती है। नियमित और समयबद्ध भुगतान से आपकी वित्तीय जिम्मेदारी का सबूत मिलता है। ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग करके आप भुगतान की तारीख भूलने से बच सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड के समझदारी भरे उपयोग की कला

क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह आपके सिबिल स्कोर को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। आपको अपनी कुल क्रेडिट लिमिट का केवल 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा ही उपयोग करना चाहिए। पूरी लिमिट का उपयोग करना बैंकों को यह संकेत देता है कि आप अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर परेशान हैं। मिनिमम ड्यू अमाउंट की बजाय हमेशा पूरे बिल का भुगतान करने की कोशिश करें। एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखने से बचें और जो कार्ड उपयोग में नहीं है उसे बंद करवा दें।

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एकसाथ कई कर्ज लेने के नुकसान

अपनी वित्तीय स्थिति को संतुलित रखने के लिए एक समय में कई प्रकार के लोन लेने से बचना चाहिए। जब आप एकसाथ कई कर्ज लेते हैं तो आपकी मासिक आय का बड़ा हिस्सा ईएमआई में चला जाता है। इससे आपकी डेट-टू-इनकम रेशियो बिगड़ जाता है और वित्तीय तनाव बढ़ता है। यदि किसी महीने आपकी आय में कमी हो जाए तो कई ईएमआई का भुगतान मुश्किल हो सकता है। इसलिए हमेशा एक लोन पूरा चुकाने के बाद ही दूसरा लोन लेने का विचार करें। यह आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए बेहतर रणनीति है।

आवश्यकता के अनुपात में कर्ज लेने का महत्व

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कर्ज लेते समय अपनी वास्तविक आवश्यकता और चुकाने की क्षमता का सही आकलन करना जरूरी है। कई बार लोग अपनी आवश्यकता से ज्यादा लोन लेते हैं और फिर ईएमआई का बोझ उनके लिए परेशानी का कारण बन जाता है। आपकी मासिक आय का अधिकतम 40 प्रतिशत हिस्सा ही सभी प्रकार की ईएमआई में जाना चाहिए। इससे ज्यादा कर्ज लेना आपकी वित्तीय स्थिति को कमजोर कर सकता है। लोन लेने से पहले अपना बजट बनाएं और विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें।

नियमित मॉनिटरिंग और सुधार की प्रक्रिया

अपने सिबिल स्कोर की नियमित जांच करना एक अच्छी आदत है। साल में कम से कम दो बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखें और किसी भी गलत जानकारी की स्थिति में तुरंत सुधार के लिए आवेदन करें। कभी-कभी डाटा एंट्री की गलती से या किसी और की जानकारी आपकी फाइल में मिल जाती है। ऐसी स्थिति में तुरंत क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करके सुधार कराना चाहिए। याद रखें कि सिबिल स्कोर सुधारना एक धीमी प्रक्रिया है और इसमें कई महीने लग सकते हैं।

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Disclaimer

यह लेख केवल शैक्षणिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। सिबिल स्कोर एक जटिल विषय है और व्यक्तिगत वित्तीय परिस्थितियां अलग-अलग हो सकती हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित होगा। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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