1.92 होगा फिटमेंट फैक्टर, सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 34,560 रुपये 8th Pay Commission

By Meera Sharma

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8th Pay Commission

8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक खुशखबरी का इंतजार खत्म होने वाला है। आठवें वेतन आयोग का गठन जल्द ही हो सकता है जो 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इस नए वेतन आयोग से देश के लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को सीधा फायदा होगा। सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा और उसके तुरंत बाद नया वेतन आयोग प्रभावी हो जाएगा।

भारत सरकार की परंपरा के अनुसार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग का गठन किया जाता है। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, भत्तों और पेंशनभोगियों की पेंशन की समीक्षा करता है। इसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती महंगाई और जीवन स्तर के अनुपात में कर्मचारियों की आय में उचित वृद्धि करना है। पिछले कुछ वर्षों में महंगाई दर काफी बढ़ी है और जीवन यापन की लागत भी बढ़ी है, इसलिए नए वेतन आयोग की जरूरत महसूस की जा रही है।

फिटमेंट फैक्टर से तय होगी सैलरी वृद्धि

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आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, यह मुख्यतः फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा। फिटमेंट फैक्टर एक गुणक होता है जिससे वर्तमान बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग में न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर 1.92 और अधिकतम 2.86 हो सकता है।

अगर न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर 1.92 लगाया जाता है तो वर्तमान में 18,000 रुपये बेसिक सैलरी पाने वाले कर्मचारी का वेतन बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा। वहीं अगर अधिकतम फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है तो यही सैलरी बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। यह वृद्धि कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी क्योंकि इससे उनकी खर्च करने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी।

विभिन्न लेवल के कर्मचारियों को मिलने वाला लाभ

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यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो अलग-अलग लेवल के कर्मचारियों को अलग-अलग मात्रा में लाभ मिलेगा। लेवल 1 के कर्मचारी जैसे चपरासी और अटेंडर की वर्तमान सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी। लेवल 2 के लोअर डिविजन क्लर्क की सैलरी 19,900 रुपये से बढ़कर 56,914 रुपये हो सकती है।

लेवल 3 के कॉन्स्टेबल और स्किल्ड स्टाफ की सैलरी 21,700 रुपये से बढ़कर 62,062 रुपये हो सकती है। वहीं लेवल 18 के सीनियर अधिकारी जिनकी वर्तमान सैलरी 2,50,000 रुपये है, उनकी सैलरी बढ़कर 7,15,000 रुपये हो सकती है। यह वृद्धि दिखाती है कि सभी स्तर के कर्मचारियों को समानुपातिक लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा।

पेंशनभोगियों के लिए भी खुशखबरी

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आठवें वेतन आयोग से न केवल सेवारत कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों को भी काफी फायदा होगा। वर्तमान में जिन रिटायर्ड कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये है, अगर 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो उनकी पेंशन बढ़कर 17,280 रुपये हो जाएगी। वहीं यदि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो यह पेंशन बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।

पेंशन में यह वृद्धि बुजुर्गों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी। महंगाई के इस दौर में जब सभी चीजों के दाम बढ़ रहे हैं, तब पेंशन में यह इजाफा उनकी जरूरतों को पूरा करने में काफी मददगार साबित होगा। मेडिकल खर्च से लेकर दैनिक जरूरतों तक सभी के लिए यह वृद्धि सहायक होगी।

महंगाई भत्ते का मूल वेतन में विलय

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आठवें वेतन आयोग में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हो सकता है कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला दिया जाए। वर्तमान में कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है जो जनवरी 2026 तक 59 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। अगर यह भत्ता मूल वेतन में मिला दिया जाता है तो कर्मचारियों के वेतन में और भी अधिक वृद्धि होगी।

महंगाई भत्ते का मूल वेतन में विलय एक आम प्रथा है जो हर वेतन आयोग में की जाती है। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ जाती है और फिर उसी के आधार पर अन्य भत्ते भी बढ़ जाते हैं। यह व्यवस्था कर्मचारियों के लिए दोहरा फायदा लेकर आती है क्योंकि न केवल उनकी मूल सैलरी बढ़ती है बल्कि पेंशन की गणना भी बेहतर होती है।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

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आठवें वेतन आयोग का न केवल कर्मचारियों पर बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। जब 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों की आय बढ़ेगी तो उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी।

सरकारी कर्मचारियों की बढ़ी हुई आय से उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ेगी जिससे उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि सरकार के खजाने पर इसका भार भी पड़ेगा लेकिन बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधियों से टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा जो इस खर्च को संतुलित करने में मदद करेगा।

तैयारी और उम्मीदें

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कर्मचारी संगठन पहले से ही सरकार से बेहतर फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि महंगाई दर और जीवन यापन की बढ़ी हुई लागत को देखते हुए उन्हें उचित वेतन वृद्धि मिले। सरकार भी कर्मचारियों की इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है और उम्मीद है कि आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

यह वेतन आयोग न केवल वर्तमान कर्मचारियों के लिए बल्कि भविष्य में सरकारी नौकरी करने वालों के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। बेहतर वेतन संरचना से सरकारी सेवा और भी आकर्षक हो जाएगी।

Disclaimer

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यह लेख समाचार रिपोर्ट्स और अनुमानों पर आधारित है। आठवें वेतन आयोग से संबंधित सभी निर्णय अंततः सरकार द्वारा लिए जाएंगे। फिटमेंट फैक्टर और सैलरी वृद्धि के आंकड़े अनुमानित हैं और वास्तविक राशि इससे अलग हो सकती है। आधिकारिक घोषणा के लिए सरकारी वेबसाइट पर नजर रखें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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